लेखनी प्रतियोगिता -19-Mar-2022जीवन में नवरंग
जीवन में नवरंग
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आइए नया संकल्प करें
जीवन में नया रंग भरें,
भूल जायें सारे बैर भाव
निंदा नफरत ईर्ष्या के भाव ।
ऊँच नीच,जाति धर्म
अपने पराए का भेद,
वो सारी दीवार गिराएं
जो आपस में भेद कराये।
एक ही ईश्वर की संतान
खून भी सबका है ही लाल,
फिर हम ऐसे काम क्यों करते
हिंदू मुस्लिम में क्यों हैं बँटते?
आओ मन का भेद मिटायें
मन का अपने मैल छुड़ाएं।
हम मानव है तो मानव बन
मानव ही मानव कहलाएं।
सबके जीवन में नया आज ही
रंग बिरंगे फूल खिलायें,
आओ यारों हम सब मिल
जीवन में नवरंग खिलायें।
● सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित
Seema Priyadarshini sahay
22-Mar-2022 01:03 AM
बहुत खूबसूरत
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Punam verma
20-Mar-2022 10:27 AM
Nice one
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Abhinav ji
20-Mar-2022 09:21 AM
Nice
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